सुना है विज्ञान ने बडी तरक्की की है,
चांद पर जीवन और मंगल पर पानी खोजा जा रहा है,
सुना है मानव की क्लोनिंग की जा रही है,
प्रयोगशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तैयार की जा रही है,
सुना है, मौसम पर भी नियंत्रण किया जा रहा है,
फलों, सब्जियों की नस्लें भी वैज्ञानिक बना रहें है,
इंसान को चिर युवा बनाने की कवायद भी खूब हो रही है,
सुना तो ये भी है कि मानव को शिकस्त देने के लिए रोबोट बना रहे है,
अब तारे गिनने का वक्त गया अब तो स्टार वार के खतरें बढ़ रहे है,
प्रकाश की गति को लेजर किरणों ने कब का पीछे छोड़ दिया है,
अरे तो ये वायरस कैसा है ? जिस ने सारे विज्ञान को फेल कर दिया,
यह इंसान के ईश्वर बनने के दंभ पर परमपिता का वार है,
समझना होगा कि तरक्की इंसान बनने की करनी है भगवान बनने की नहीं।
बहुत सार्थक और सटीक। ईश्वरीय सत्ता सर्वोपरि है बावज़ूद मनुष्य के तार्किक, बौध्दिक, तकनीकी विकास के।
लिखते रहिए।
बहुत स्पष्ट एवं सटीक ……. साधुवाद